वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार का 27, 28 एवं 29 दिसम्बर 2013 को अखिल भारतीय वैष्णव (च.स.) विकास परिषद एवं विकास ट्रस्ट मुम्बई के द्वितीय राष्ट्रीय महाअधिवेषन के दौरान लोकार्पण/उद्घाटन किया गया था जिसके 1 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में प्रथम वार्षिकोत्सव एवं आम सभा दिनांक 27 एवं 28 दिसम्बर 2014 को धर्मषाला प्रांगण में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस वार्षिकोत्सव हेतु वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार के तमाम ट्रस्टिगण व सहयोगकर्ताओं को आमन्त्रित किया गया इसके लिए आमन्त्रण पत्र विकास परिषद एवं विकास ट्रस्ट की मिटिंगों के तथा वैष्णव धर्मषाला पुष्कर मैंनेजमेन्ट कमेटी की मिटिंग का सयुक्त रूप से बनाये गये आमन्त्रण पत्र सभी सम्बन्धितों को भेजा गया ।
आमन्त्रण पत्र में दर्शाये गये कार्यक्रमों के अनुसार दिनांक 27 दिसम्बर 2014 को दोपहर 3.00 बजे वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार की आम सभा आयोजित की गई जिसके प्रारम्भ में बैंगलोर से पधारे हुए श्री रतनदास जी वैष्णव का नाम आम सभा के सभापति के रूप में श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव ने प्रस्तावित किया जिसका समर्थन श्री रामचन्द्र जे. वैष्णव ने किया । इस प्रकार श्री रतनदास वैष्णव ने तालियों की गड़गड़ाट के साथ आम सभा के सभापति का आसन ग्रहण किया तत्पष्चात् आम सभा का संचालन करते हुए विकास ट्रस्ट एवं हरिद्वार धर्मषाला की मैंनेजमेन्ट कमेटी के महासचिव श्री एन.डी.निम्बावत एडवोकेट जोधपुर ने विकास ट्रस्ट एवं हरिद्वार धर्मषाला की मैंनेजमेन्ट कमेटी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र जे. वैष्णव, संरक्षक श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव, श्री महेन्द्र कुमार वैष्णव टुमकुर, श्री इन्द्रजीत वैष्णव एवं केसुदास वैष्णव सहित विकास परिषद के महासचिव श्री लखनदास वैष्णव को मंचासीन होने के लिए पम्परागत तरीके से सादर आमन्त्रित किया । मेहमानों के मंचासीन होने के पश्चात् वैष्णव धर्म की परम्परा के अनुसार आम सभा का शुभ आरम्भ सभापति श्री रतनदास वैष्णव बैंगलोर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया आनन्द गुजरात से पधारे नटू भाई वैष्णव ने ईष्ट देव रामभक्त हनुमान जी का मंत्रोचारण के साथ स्मरण कर उन्हें आमन्त्रित किया तत्पष्चात् मंत्रासीन उपरोक्त सभी महानुभावों का माल्र्यापण कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया तथा संक्षिप्त में इन सभी का परिचय करवाया गया ।
स्वागत अभिनन्दन की प्रारम्भिक कार्यवाही के पश्चात् महासचिव श्री एन.डी.निम्बावत ने वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि धर्मषाला को खरीदने का अनुबन्ध दिनांक 12 मार्च 2012 को किया गया जिसके बेचान नामें का पंजीयन दिनांक 28 फरवरी 2013 को करवाया गया इस दौरान विक्रेता को सम्पूर्ण राषि का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से एवं रोकड़ किया गया और दिनांक 28 फरवरी 2013 को ही धर्मषाला भवन का कब्जा प्राप्त कर लिया गया तथा दिनांक 1 मार्च 2013 को धर्मषाला भवन के प्रवेष द्वार पर स्थित एक कमरे में आॅफिस स्थापित किया गया जिसमें टेबल, कुर्सियां और अरमारी रखी गई एवं धर्मषाला भवन को उद्घाटन के लिए तैयार करवाने एवं सुसज्जित करने हेतु बिजली पानी सहित भवन मरम्मत हेतु सम्बन्धित ठेकेदारों को बुलाकर सम्पूर्ण भवन की रिपयेरिंग हेतु उन्हें कहा गया तथा एडवांस राषि दी गई जो उद्घाटन दिनांक 27, 28 एवं 29 दिसम्बर 2013 के पूर्व सारे कार्य पूर्ण हो गये थे और वर्तमान में धर्मषाला में 15 कमरे पूर्ण रूप से आवास हेतु तैयार है जिनमें सभी में लेट्रीनबाथरूम बने हुए है 4 कमरों में बन्द एवं 4 कमरों में खुली कीचन भी है दो कमरों में ए.सी. एवं एल.सी.डी. लगे हुए है एवं 10 कमरों में गीजर लगाये जा चुके है इन सभी के अतिरिक्त धर्मषाला भवन में हाॅल और अन्य पांच कमरों में ठहरे हेतु पर्याप्त बिस्तरों की व्यवस्था है एवं बड़ी कीचन तल मंजिल पर है जहां आगन्तुक स्वयं खाना बना सके वैसी व्यवस्था की हुई है फ्रीज, गैस टंकी, इण्डेक्षन चुल्हों की भी व्यवस्था है तथा वर्तमान में वैष्णव समाज के बन्धुओं से किसी प्रकार का कोई किराया नहीं लिया जा रहा है अगर कोई स्वेच्छा से सहयोग राषि भेेट करता है तो स्वीकार्य है । उद्घाटन से लेकर वर्तमान तक वैष्णव समाज के सैकण्डों परिवार में इस धर्मषाला में ठहरकर न केवल लाभ उठाया है बल्कि बड़ी प्रसन्नता प्रकट की है । आगन्तुकों की प्रतिक्रिया स्वरूप एक रजिस्टर्ड रख रखा है जिसमें आगन्तुकगण हरिद्वार धर्मषाला की वर्तमान व्यवस्था के सम्बन्ध में अपने विचार एवं सुझाव दे रहे है और उनके सुझावों पर अमर किया जा कर सुविधाओं को और अत्यधिक परिपूर्ण किया जा रहा है साथ ही साथ आगन्तुकों से धर्मषाला भवन में ठहरने बाबत् निर्धारित फार्म भी भरवाये जा रहे है । महासचिव ने सभी को विभिन्न श्रेणियों को ट्रस्टियों को वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार में दी जाने वाली सुविधाओं का उल्लेख किया साथ ही साथ दिनांक 15 सितम्बर 2013 को धर्मषाला प्रांगण में आयोजित आम सभा में लिये गये निर्णयों जिसमें मैंनेजमेन्ट कमेटी का गठन एवं वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार हेतु बनाये गये नियम /उप नियम /विधान का वाचन कर उसके अनुमोदन का प्रस्ताव रखा जो सर्व सहमति से स्वीकृत किया गया ।
आम सभा का संचालन करते हुए श्री एन.डी.निम्बावत ने यह भी जानकारी दी की इस धर्मषाला के प्रति लोगों का जुडाव इस बात से भी लगाया जा रहा है जो लोग अपने परिवार जन के किसी सदस्य के निधन पर उनकी अस्थियां गंगा जी में विसजन करने हेतु एक दिन के लिए हरिद्वार आते है तथा वैष्णव समाज के पण्डे के यहां कुछ समय के लिए रूकने के पश्चात् मात्र वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार को देखने के लिए धर्मषाला में आते है और ऊपर नीचे घूम फिर कर देखते है एवं प्रसन्नता प्रकट करते हुए बिना ठहरे ही सहयोग राषि दे जाते है इससे इस धर्मषाला भवन की उपयोगिता सार्थक हो रही है जो सभी के लिए सन्तोष एवं प्रसन्नता का विषय है ।
विकास ट्रस्ट एवं वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार के मैंनेजमेन्ट कमेटी के कोषाध्यक्ष श्री भानुषंकर वैष्णव ने वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार को खरीदने का अनुबन्ध करने से लेकर उद्घाटन समारोह तक एवं उद्घाटन समारोह से प्रथम वार्षिकोत्सव तक जिन-जिन व्यक्तियों से जो राशि -राशि विभिन्न किस्म के ट्रस्टी के रूप में, सहयोग के रूप में एवं उद्घाटन समारोह के खर्चे की व्यवस्था के रूप में जो राषि संग्रहित हुई उनकी नामों सहित विस्तार से जानकारी दी एवं खर्चे का ब्यौरा दिया, विभिन्न लोगों में बकाया राषि, बैंक में जमा राशि एवं रोकड़ पौते जमा राषि का उल्लेख करते हुए बताया कि धर्मषाला की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है एवं लगभग 40 लाख रूपये (बकाया, बैंक जमा एवं रोकड़ पौते) धर्मषाला के पास है इसलिए इसके संचालन में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो रही है ।
मंचासीन मेहमानों श्री महेन्द्र कुमार वैष्णव टुमकुर, श्री केसुदास वैष्णव, श्री इन्द्रजीत वैष्णव, श्री लखनदास वैष्णव ने धर्मषाला के सम्बन्ध में अपने विचार रखे । श्री महेन्द्र कुमार वैष्णव टुमकुर ने एक छोटा सा किस्सा सुनाते हुए ये बताया कि समाज सेवा में मुझे श्री जयन्ति भाई जी ने धक्का दिया है और जिसके कारण मैं समाज सेवा में जुड़ा हुँ । महासचिव एन.डी.निम्बावत द्वारा अपने संचालन के दौरान यह बताया कि कुछ लोगों के मन में यह संषय है कि धर्मषाला भवन का पंजीयन किसके नाम करवाया गया है वो संषय कुछ लोगों का नहीं होकर मेरा संषय था निम्बावत जी ने मेरा नाम नहीं किया लेकिन मेरा ही संषय था जो मेरे द्वारा दस्तावेज देखे जाने पर दुर हो गया और मेरे मन में किसी प्रकार की कोई शंका नहीं है और मैं भाग्य शाली हूँ कि मैं इस धर्मषाला के खरीदनें में सहयोगी बना हूँ ।
विकास ट्रस्ट एवं धर्मषाला मैंनेजमेन्ट कमेटी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र वैष्णव ने वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार के खरीदने से लेकर उद्घाटन समारोह तक जिन-जिन व्यक्तियों ने जिस-जिस रूप में सहयोग किया उन सबको धन्यवाद देते हुए कहा कि यह धर्मषाला हम सभी की है । धर्मषाला में ठहरने पर किराये की राशि के सम्बन्ध में लोगों के विभिन्न विचारों पर मंथन करने के पश्चात् अगले 1 वर्ष तक किसी प्रकार का कोई किराया नहीं लेने का निर्णय लिया गया । अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इसका कुषल संचालन हो इसके लिए आप जब भी धर्मषाला में आवें तो कुछ न कुछ सहयोग अवष्य करंे ताकि इस धर्मषाला में आपका योगदान रहे आपने यह भी बताया कि वर्तमान तक इसमें ठहरने हेतु किसी से भी अनिवार्य रूप से कोई राषि नहीं ली जा रही है और भविष्य में भी एक वर्ष तक अनिवार्य रूप से कोई राशि नहीं ली जायेगी जो स्वेच्छा से देगा स्वीकार्य होगी ।
विकास परिषद के अध्यक्ष श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव ने अपने उद्बोधन में वैष्णव धर्मषाला हरिद्वार को विकास परिषद और विकास ट्रस्ट की महा उपलब्धी बताया और कहा कि बरसों से हरिद्वार में वैष्णव धर्मषाला की कमी को पुरा किया गया जिसमें सम्पूर्ण वैष्णव समाज का योगदान रहा है और इसलिए सभी लोग धन्यवाद के पात्र है ।
सभा के अन्त में सभापति श्री रतनदास वैष्णव ने कहा कि विकास ट्रस्ट और हरिद्वार धर्मषाला के बारे में सब कुछ कहा जा चुका है अब मेरे लिए कहने को कुछ बचा नहीं है मैं तो इतना ही कह सकता हूँ कि आपने मुझे आज की सभा का सभापति बनाया इसके लिए मैं मैंनेजमेन्ट कमेटी सहित आप सभी का आभारी हूँ और जिस शान्तिपूर्ण तरीके से सभा संचालित हुई है और जिस रोचक अन्दाज में निम्बावत जी ने सभा का संचालन किया है वह सभी को याद रहेगा क्योंकि 3.30 घंटे तक ऐसे ठण्ड के माहौल में सभी सभा में उपस्थित रहे और सभा की कार्यवाही को ध्यान पूर्वक समझा ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है मैं आप सभी का इसके लिए धन्यवाद देता हूँ ।
मंच का संचालन करते हुए महासचिव ने सभापति की अनुमति से इस आम सभा को अगली आम सभा तक के लिए स्थगित किये जाने की घोषणा के साथ सभी को स्वादिष्ट भोजन के लिए आमन्त्रित किया ।